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पहचानें विचारों की शक्ति को- बीके शिवानी

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मन में हम जिस तरह का विचार लाते हैं, सामने की परिस्थिति भी वैसी ही दिखाई देने लगती है। सकारात्मक विचारों की खुराक प्रतिकूल परिस्थिति में भी इंसान को ऊर्जावान बनाए रखती है। ब्रह्मकुमारी शिवानी का चिंतन…

हर व्यक्ति अपने जीवन से दुख, असफलता, बीमारी या किसी अन्य असहज स्थिति से छुटकारा चाहता है। वह चाहता है कि किसी तरह का चमत्कार हो और ये सारी समस्याएं समाप्त हो जाएं। वास्तव में यदि परिस्थितियां उसके अनुकूल नहीं होती हैं, तो वह परेशान हो जाता है। हमारा मन एक छोटे बच्चे के समान चंचल होता है, जो क्षण में दुखी और क्षण में सुखी हो जाता है। हमें अपने मन को सही या गलत की पहचान जरूर करानी चाहिए।

 हालांकि मन के पास कई तरह के विकल्प होते हैं, लेकिन हम एक जैसी स्थिति में ही रहते हैं और उसे स्वीकार भी कर लेते हैं। हमें यह जरूर समझना चाहिए कि हमारी मानसिक स्थिति किसी परिवेश, इंसान या परिस्थिति से बंधी या जुड़ी नहीं होनी चाहिए। जब हमारा मन विषम परिस्थिति को भी स्वीकार करने लगता है, तब वह अनासक्त या निर्लिप्त हो जाता है। जिस दिन हम किसी भी भाव पर निर्विकार होना सीख जाते हैं, उसी दिन सारी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। यह भाव तो अध्यात्म से ही संभव हो सकता है। कभी-कभार परिस्थितियां अनुकूल होने पर भी मन अशांत रहता है। हमारा मन अशांत न हो, इसके लिए हमें स्वयं को बदलना होगा। हमें उन संस्कारों पर काम करना और ध्यान देना होगा, जो हमारी शक्तियों को घटा देते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपने लिए छोटे लक्ष्य तय करना होगा। अपने मन को यह बताना और समझाना होगा कि गुस्सा स्वाभाविक प्रक्रिया नहीं है।

हम शांति से भरपूर शक्तिशाली आत्माएं हैं, जो सभी को उसके अनुरूप स्वीकार करते हैं। जैसे ही यह स्वीकार्यता बढ़ेगी, गुस्सा अपने-आप खत्म हो जाएगा। थोड़े दिन में आप पाएंगे कि मन की पूरी प्रोग्रामिंग बदल गई है। जीवन का यही असली चमत्कार है। शांति, दया व धैर्य आत्मा के स्वाभाविक गुण हैं। जीवन में ऐसी परिस्थितियां भी आनी जरूरी हैं, जो हमारे अनुकूल न हों। प्रतिकूल परिस्थिति में ही हमारी शक्ति बढ़ती है। इसलिए हर परिस्थिति में सामान्य रहना सीखें। समस्याओं को पुरस्कार के समान समझें। जीवनशैली में परिवर्तन सिर्फ खान-पान, सोने, व्यायाम करने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। सोचने, बोलने और व्यवहार में बदलाव लाने से ही इसमें असली परिवर्तन आता है।

हम अपने दिन की शुरुआत ऐसी सोच को विकसित करने से करें, जो हम जीवन से चाहते हैं। यदि हम बढिय़ा सोच विकसित नहीं करते हैं, तो हमारे मन को परिस्थितियों के अनुसार सोचने की आदत पड़ जाती है। सूचनाएं मन के लिए खाद समान होती हैं। सुबह हम जैसा देखते या सुनते हैं, वैसे ही विचार या सोच मन में दिन भर बनती रहती है। तभी मन में आक्रामकता, भय, हिंसा, भ्रष्टाचार के विचार भी पनपते हैं। यदि मन की स्थिति को बदलना चाहते हैं, तो विचारों की खुराक बदलना होगी। सुबह को नकारात्मक विचारों के समान तामसिक भोजन से बचना होगा।

कुछ भी खाने या पीने से पहले 10 सेकंड रुकें और उसमें अपनी सकारात्मक सोच की ऊर्जा डाल दें। इसके बाद जब आप किसी भी चीज को खाएंगे या कोई भी पेय पिएंगे, तो यह ऊर्जा पूरे दिन आपके साथ रहेगी। कहते भी हैं- जैसा अन्न वैसा मन। जैसा पानी, वैसी वाणी। नाराजगी, उदासी या किसी तरह के तनाव की स्थिति में खाना न बनाएं और न ही खिलाएं। ऊर्जावान दिमाग के लिए ऊर्जावान भोजन जरूरी है। सात्विक मन से तैयार किया गया भोजन (सात्विक अन्न) भोजन न होकर प्रसाद बन जाता है। कोशिश करें कि खाते समय टीवी न देखें। जिस दिन से सुबह की शुरुआत बदल जाएगी, हमारा समाज भी बदल जाएगा।

हम इस सत्य को नकार नहीं सकते कि जीवन की समस्याएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन उन्हें समझने का समीकरण सही होना चाहिए। समीकरण सही होने पर  समाधान भी मिल जाता है। समीकरण सही नहीं होने पर आपका पूरा जीवन बीत जाएगा और आप किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाएंगे। किसी व्यक्ति को फूल पसंद होते हैं, तो किसी को नहीं। इस सच को स्वीकार करना सीखना होगा। नापसंदगी का कोई भी कारण हो सकता है। हमें वही लोग अच्छे लगते हैं जिनके संस्कार हमसे मेल खाते हैं, पर मन के संस्कार अलग-अलग भी हो सकते हैं। एक संस्कार विश्वास करना, तो दूसरा संस्कार अविश्वास करना भी हो सकता है।

दरअसल, यह संस्कार किसी लेंस के समान होते हैं। जरूरी नहीं कि हर बार हम दूसरे के मन के संस्कार को समझ ही लें। हमें सिर्फ यह स्वीकार करना होगा कि दूसरों के संस्कार हमसे अलग भी हो सकते हैं। इसलिए न तो उन्हें खारिज करें और न ही उनकी आलोचना करें। उनका मजाक तो कभी नहीं बनाएं। किसी की तुलना तो बेमानी है। उनसे यह उम्मीद तो बिल्कुल नहीं करें कि वे आपके संस्कारों के अनुकूल चलेंगे। संस्कार किसी भी व्यक्ति को बना या बिगाड़ सकते हैं। इसी तरह हम सभी अपने मन की स्थिति से ही कलयुग एवं सतयुग दोनों बना सकते हैं। अपनी सोच की शक्ति को पहचानने से ही जीवन में असली चमत्कार होता है।

प्रस्तुति : अंशु सिंह

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Empowerment 2.0 – The New Beginnings at Brahmakumaris Noida Sec-26

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It is that time of the year when everyone is busy making new resolutions, new wishes! Are you also thinking of the same mundane and then feeling low of not achieving what you had wanted?
Let’s break the jinx and create something new together. We will take you to a wonderful journey of revisiting dreams, Recreating the achievable and revitalizing ourselves.

Brahma Kumaris cordially invites IT/Working professionals along with their family to a session on Empowerment 2.0 – The New Beginnings on Saturday 7th Jan 2023

⏰Time: 11am-1pm

🏡 Where: Sadbhawna Bhawan, A-161, Sec-26, Noida (https://goo.gl/maps/RptdPYjY2WwXw84Y8)

Session will be followed by divine lunch.

Total seats: 120
Registration URL: https://forms.office.com/r/bhKMU9Fm4p

Please note the following:
– There are no charges for registration but registration is mandatory. All family members should be registered separately.
– Registration will be confirmed on first come first serve basis for eligible candidates
– Kids below the age of 15 years are not allowed

 

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35वां वार्षिक समारोह ब्रह्मकुमारीज नोएडा सेक्टर-26

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नोएडा के सेक्टर 26 स्थित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सेवा केंद्र का 35 वां वार्षिकोत्सव और क्रिसमस का पर्व हर्षोल्लास के साथ आध्यात्मिक वातावरण में मनाया गया। इस कार्यक्रम का दिल्ली जोन की प्रमुख, वरिष्ठ राजयोगिनी बी के शुक्ला दीदीजी ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।

इस मौके पर बी के शुक्ला दीदीजी ने कहा कि खाली मन शैतान का घर होता है। मन को जितना बिजी रखेंगे, उतना हम ईजी रह सकेंगे। इसी प्रकार जीवन में प्रेम का सबसे ऊंचा स्थान है। यह प्रेम तभी महसूस करेंगे, जब दिल व मन में स्वच्छता एवं सफाई रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी दूसरों को, समाज को और विश्व को बदलना चाहते हैं। लेकिन सबसे पहले अपने आपको बदलना होगा। यह है आज के समय की पुकार। छोटा बच्चा भी अपने बड़ों को देखकर ही सीखता है। वे जैसे कर्म व व्यवहार करेंगे, वह भी उसका ही अनुकरण करेगा। इसलिए खुद ही खुद के टीचर बनकर स्वयं को बदलने की कोशिश करें। सफलता अवश्य मिलेगी। अच्छा ये भी होगा कि दूसरों के बारे में व्यर्थ चिंतन करने की बजाय स्वयं से सकारात्मक बातें करें। इस मौके पर एन पी सिंह, अध्यक्ष, डीडीआरडीए (जिला विकास आवासीय विकास प्राधिकरण), गौतमबुद्धनगर एवं कर्नल यू.बी.सिंह, जनरल वी.के.सिंह के प्रतिनिधि, संसद सदस्य, गाज़ियाबाद उपस्थित रहे ।

इस अवसर पर नन्हें बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई। करीब 400 से ज्यादा लोगों की उपस्थिति में केक कटिंग भी की गई। कार्यक्रम में सेवा केंद्र की निर्देशिका बी के शील, अतिरिक्त इंचार्ज बी के सुदेश, बी के ललिता, बी के राधा, बी के संतोष एवं अन्य ब्रह्मा कुमार भाई-बहनें उपस्थित रहे।

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ब्रह्माकुमारीज़ नोएडा सेक्टर-26 द्वारा 22 जुलाई 2022 जेपी ग्रीन विशटाउन नोएडा में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया !

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Kalp-taruh is a unique plantation project cum mechanism of the Brahma Kumaris to ensure land restoration and promote higher order values for building a better civilized society. With this project, Brahmakumaris aim to combine the sacred process to nurture a tree as well as the soul through values, as the project is to provide sustenance to both the plant and the person who plants. So, the word has been clubbed together to form a specific brand name – Kalp Taruh. This unique project helps us to fulfil our IER – Individual Environmental Responsibility by encouraging individuals to understand their environmental responsibility that is to care for our earth, which is a constant provider of all our individual needs. We wish to be supporters in their journey to be able to fulfil their environmental responsibility by restoring land and biodiversity, reducing pollution, creating sustainable positive habits, increasing stakeholdership and compensating carbon footprints. This could be one of the ways to return to the environment with thanks and leave a lighter carbon footprint and a greener world.

More than 33 diferent trees were planted at Jaypee Wishton (Noida).whereas 15 Mango trees, 10 Neem trees, 1 jackfruit tree, 3 peach trees and 4 Lemon trees. On this occasion Co-Director of Brahma kumaris Noida Sec-26 Raj yogini BK Sudesh didi briefing about the relationship between human and environment and how to behave friendly with environment. BK Sabita behan said How can we lead our values-based life, pollution-free life

. And coordinated by BK Ashok Rana and BK Dr.Santosh Bhai.

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Brahma Kumaris Noida, Sec-26